
Japan & Earth Quake: दुनिया के सबसे ज्यादा भूकंप जापान में आते हैं. आखिर कैसे जापान इनसे खुद को बहुत अच्छी तरह बचाना सीख चुका है
दुनिया में सबसे ज्यादा भूकंप जापान में आते हैं. छोटे बड़े मिलाकर हर साल 1500 से 2000 तक. उसे दुनिया का सबसे भूंकप संवेदनशील देश कहा जाता है. वो “रिंग ऑफ फायर” पर स्थित है, जहां कई टेक्टोनिक प्लेट्स मिलती हैं. तो ये देश इतने ज्यादा भूकंपों के बीच कैसे खुद को सही सलामत रखता है.
जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी के आंकड़े कहते हैं कि जापान में हर साल लगभग 1,500 से 2,000 भूकंप आते हैं, जिन्हें लोग महसूस कर सकते हैं. इनमें से अधिकांश भूकंप कम तीव्रता (3-5) के होते हैं, लेकिन हर साल कुछ मध्यम (5-6) और कभी-कभी बड़े (7 या अधिक) भूकंप भी आते हैं. जापान ने अपनी उन्नत प्रणालियों और रणनीतियों के माध्यम से भूकंप और सूनामी के प्रभाव को कम करने में खासी सफलता हासिल की है.
बहुत आधुनिक भूकंप चेतावनी प्रणाली
जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने एक अत्याधुनिक भूकंप चेतावनी प्रणाली विकसित की है. यह सिस्टम भूकंप के शुरुआती झटकों को डिटेक्ट करता है और सेकंडों में अलर्ट जारी करता है. यह अलर्ट टीवी, रेडियो, मोबाइल फोन और सायरन के माध्यम से लोगों तक पहुंचता है. लोगों को कुछ सेकंड पहले चेतावनी मिलने से वे सुरक्षित स्थानों पर जा सकते हैं. ट्रेन, लिफ्ट, और औद्योगिक मशीनें आटोमैटिक तरीके से बंद हो जाती हैं. शिंकानसेन (बुलेट ट्रेन) में स्वचालित ब्रेक सिस्टम है जो भूकंप का पता लगते ही ट्रेन को रोक देता है
जापान ने समुद्र में सूनामी सेंसर का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया है, जो समुद्री गतिविधियों की निगरानी करता है. भूकंप के बाद तुरंत सूनामी की आशंका का आकलन किया जाता है. जापानी मौसम एजेंसी सूनामी की ऊंचाई और पहुंचने के समय की जानकारी तुरंत प्रसारित करता है. तटीय क्षेत्रों में सायरन और लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने की चेतावनी दी जाती है.
तटीय क्षेत्रों में विशाल कंक्रीट की दीवारें (कुछ 10-15 मीटर ऊंची) बनाई गई हैं, जो सूनामी की लहरों को रोकने या कम करने में मदद करती हैं.
हर इमारत भूकंप रोधी है यहां तक कि पुरानी भी
जापान में भवन निर्माण के लिए सख्त नियम हैं. इमारतें लचीली सामग्री और तकनीकों का उपयोग करती हैं, जो भूकंप के झटकों को अवशोषित करती हैं. पुरानी इमारतों को भूकंप-रोधी बनाने के लिए रेट्रोफिटिंग की जाती है. सड़कें, पुल, और रेलवे सिस्टम को भूकंप-रोधी तकनीकों से बनाया जाता है. अधिकांश आधुनिक इमारतें 7-8 तीव्रता के भूकंप में भी सुरक्षित रहती हैं. 2011 में टोक्यो की गगनचुंबी इमारतें बड़े झटकों के बावजूद बची रहीं
तुरंत शुरू हो जाता है राहत और बचाव का काम
जापान की सरकार ने स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए समर्पित टीमें बनाई हैं, जो तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू करती हैं. जापान की सेना आपदा के समय तुरंत बचाव कार्यों में शामिल होती है. भूकंप के बाद प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से पुनर्वास और पुनर्निर्माण का काम शुरू होता है, जिसमें अस्थायी आवास और बुनियादी सुविधाएँ शामिल हैं