
नई दिल्लीः यमुना में आई बाढ़ से कई दिनों बाद राहत मिली है, लेकिन पीछे का कारण यमुना में गिरने वाले सभी नालों के रेगुलेटर बंद करना था। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि साल 2023 जैसी स्थिति पैदा न हो। इसलिए बाढ़ का पानी बेहद निचले इलाकों और तक ही सीमित रहा। अभी भी सिंचाई बाढ़ विभाग ने 8-9 ड्रेन रेगुलेटर बंद ही रखे है, क्योंकि इनका आउटफॉल यमुना में काफी नीचे है और बाढ़ का पानी बैंक मार सकता है।
विजय घाट और टांगा स्टैग ड्रेन रेगुलेटर अब भी बंद
सिंचाई और बाढ़ विभाग अफसरों के अनुसार, कुल 20-22 ड्रेन नंबर-12ए और 14 तो ITO के पास यमुना में सीधे गिरती है। इनमें से ड्रेन हैं। इन दोनों ड्रेन का रेगुलेटर भी बंद रखा गया है। इसके अलावा विजय घाट के पास जो ड्रेन है उस ड्रेन का रेगुलेटर भी बंद रखा गया है। साल 2023 में आई बाढ़ के दौरान आईटीओ, विजय घाट और विकास मार्ग पर सबसे ज्यादा पानी आया था। विजय घाट ड्रेन के रेगुलेटर बंद कर पानी को मोटर पंप से यमुना में भेजा जा रहा है। इसके अलावा टांगा स्टैंड ड्रेन रेगुलेटर भी बंद रखा गया है। कुछ सप्लीमेंट्री ड्रेन है, जिनका पानी भी बड़े नालों से यमुना में जाता है, उन ड्रेन रेगुलेटर को भी बंद रखा गया है।
इन ड्रेन रेगुलेटर को खोला
1. मैग्जिन रोड ड्रेन रेगुलेटर
2. चंद्रावल/स्वीपर कॉलोनी ड्रेन रेगुलेटर
3. खैबरपास ड्रेन रेगुलेटर
4. कुदेसिया घाट ड्रेन रेगुलेटर
5. ड्रेन नंबर-12
6. सिविल मिलिट्री ड्रेन
7. दिल्ली गेट ड्रेन
8. ड्रेन नंबर-15
9. जेपी ड्रेन
निगम बोध घाट पर दाह संस्कार शुरू
यमुना में पानी का लेवलकम होते ही रविवार सुबह से निगम बोध घाट पर दाह संस्कार शुरू कर दिया गया। राहत और बचाव कार्यों में जुटे अधिकारियों ने बताया कि निगम बोध घाट को रविवार सुबह से दाह संस्कार के लिए खोल दिया गया। सुबह 7 बजे से शाम तक 12-15 शवों का दाह संस्कार किया जा चुका था। निगम बोध घाट का संचालन करने वाली संस्था के प्रबंधकों ने बताया कि घाट में हर तरफ कीचड़ जमा है। उसे वर्करों के जरिए साफ कराया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि यमुना नदी जब खतरे के निशान से दो मीटर से अधिक ऊपर बह रही थी तो कई इलाकों में पानी घुस गया था। उन सभी इलाकों में स्थिति अब सामान्य हो रही है। उन्होंने बताया कि मॉनिस्टरी मार्केट, उसके सामने स्थित सिविल लाइन का इलाका और यमुना बाजार से भी काफी हद तक पानी निकल चुका है।