
अगर आप देश से बाहर कहीं घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं, तो भारत सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी पढ़कर जरूर जाएं. कुछ खास जगहों के लिए सरकार ने दिशानिर्देश दिए हैं, जो जानना सबके लिए आवश्यक है.
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद भले ही युद्धविराम तक पहुंच गया है लेकिन तनाव अब भी जारी है. ऐसे में 24 जुलाई को शुरू हुई भीषण सैन्य झड़पों के बाद भारत सरकार ने वहां मौजूद अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. भारतीय दूतावासों ने थाईलैंड और कंबोडिया दोनों में मौजूद भारतीयों से अपील की है कि वे संवेदनशील सीमा क्षेत्रों से दूर रहें और स्थानीय प्रशासन की हिदायतों का पालन करें.
अगर आप देश से बाहर कहीं घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं, तो भारत सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी पढ़कर जरूर जाएं. कुछ खास जगहों के लिए सरकार ने दिशानिर्देश दिए हैं, जो जानना सबके लिए आवश्यक है. सरकार की ओर से उन लोगों के लिए हेल्पलाइन भी जारी की गई है, जो किसी भी परिस्थिति में थाईलैंड या कंबोडिया में फंसे हुए हैं.
कंबोडिया स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा – ‘थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर चल रहे तनाव को देखते हुए भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे इन क्षेत्रों की यात्रा से परहेज करें. किसी भी आपात स्थिति में दूतावास से +855 92881676 या cons.phnompenh@mea.gov.in पर संपर्क करें.’
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थाईलैंड में दूतावास ने भी 25 जुलाई को नागरिकों को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि थाईलैंड के 7 राज्यों में जाने से बचें
आपको बता दें कि यहां पर्यटकों के बीच लोकप्रिय फु चोंग-ना योई नेशनल पार्क, प्रसात ता मुएन थोम और खाओ फ्रा विहान नेशनल पार्क भी शामिल हैं. ऐसे में वहां घूमने जाने वाले लोगों को ये जगहें अपनी लिस्ट से हटा लेनी चाहिए.
क्यों शुरू हुआ थाईलैंड-कंबोडिया विवाद?
थाईलैंड और कंबोडिया की 817 किलोमीटर लंबी सीमा पर प्रिय विहार और ता मुएन थोम जैसे ऐतिहासिक हिंदू मंदिरों को लेकर दशकों से विवाद चला आ रहा है. 24 जुलाई को हुई हिंसा में टैंक, फाइटर जेट और BM-21 रॉकेट्स का इस्तेमाल हुआ. थाईलैंड ने आरोप लगाया कि कंबोडिया ने ड्रोन से हमला किया, जबकि कंबोडिया ने जवाबी आरोप लगाए कि थाई सैनिकों ने संघर्षविराम का उल्लंघन किया. 4 दिन की संघर्ष चलने के बाद दोनों तरफ से नागरिकों की मौत हुई और हज़ारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा. मलेशिया में शांतिवार्ता के बाद दोनों देश बिना शर्त सीजफायर पर राज़ी हो गए हैं लेकिन हालात अब भी तनावपूर्ण हैं