
खगोल विज्ञान में दिलचस्पी रखने वालों के आसमान में एक खास नजारा देखने को मिलने जा रहा है। ये खास नजारा 7 सितंबर को होगा। 7 सितंबर को दुनिया का बड़ा हिस्सा पूर्ण चंद्र ग्रहण देख सकेगा। इस दुर्लभ घटना के दौरान, चंद्रमा लाल और तांबे के रंग में चमकते हुए एक आकर्षक ब्लड मून में बदल जाएगा। यह इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण है। यह ग्रहण एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और अरब के बड़े हिस्सों में दिखाई देगा।
खगोलविदों के अनुसार, 7 सितंबर का चंद्र ग्रहण देर रात शुरू होगा और एक घंटे से अधिक समय तक चलेगा। भारत में यह ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 11:00 बजे से रात 12:22 बजे तक दिखाई देगा। भारत के अलावा चीन, रूस, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी अफ्रीका और अरब देशों में भी यह ग्रहण स्पष्ट दिखेगा। ब्रिटेन और पश्चिमी यूरोप के लोग चंद्रमा के उदय होते समय ग्रहण का नजारा देख सकेंगे। पश्चिमी अलास्का के कुछ हिस्सों को छोड़कर उत्तरी अमेरिका में यह ग्रहण ज्यादातर जगहों पर नहीं दिखेगा।
क्यों लाल हो जाएगा चंद्रमा
पूर्ण चंद्र ग्रहण तब होता है, जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेती है। सूर्य की सीधी रोशनी अवरुद्ध होने के बावजूद कुछ किरणें चंद्रमा की सतह तक पहुंचने से पहले पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरती हैं। इससे नीली रोशनी बिखर जाती है, जबकि लाल रोशनी चंद्रमा की ओर मुड़ जाती है। इससे चांद को एक ज्वलंत चमक मिलती है। इससे चांद का रंग लाल दिखता है और इसलिए इसे ब्लड मून कहा जाता है।
पूर्ण चंद्र ग्रहण कॉर्न मून के दौरान होता है। ‘कॉर्न मून’ पूर्णिमा को दिए गए उपनामों में से एक है। 7 सितंबर 2025 की पूर्णिमा भी पूर्ण चंद्रग्रहण है। इसलिए इसे ‘कॉर्न चंद्र ग्रहण’ कहते हुए भी सुना जा सकेगा। हालांकि 7 सितंबर 2025 की पूर्णिमा अलग दिखाई देगी, क्योंकि यह पूर्ण चंद्रग्रहण से गुजर रही है। इसे पहले 14 मार्च को पूर्ण चंद्र ग्रहण दुनिया को देखने को मिला था।