
रॉयटर्स ने आरबीआई की ओर से सभी तरह के बैंकों को लिखे एक लेटर के हवाले से कहा कि पाकिस्तान से हो रही इनडायरेक्ट फंडिंग की गहन जांच करें. इस पैसे का इस्तेमाल हथियार खरीदने में हो सकता है. जानकारी के अनुसार पाकिस्तान से भारत में धन का डायरेक्ट फ्लो लगभग प्रतिबंधित है और प्रत्येक ट्रांजेक्शन के लिए सेंट्रल बैंक की मंजूरी जरूरी है.
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को मूंह की खानी पड़ी है. अमेरिका के बीच बचाव के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर संभव हो सका. लेकिन पाकिस्तान की भारत के खिलाफ एक्टिविटी खत्म नहीं हुई है. पाकिस्तानी लीडर्स का बांग्लादेश में आना. पाकिस्तानी जनरल मुनीर का अमेरिका के अधिकारियों के साथ संपर्क साधना और चीन का मिलता लगातार सपोर्ट भारत के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है. वैसे तो पाकिस्तान की ओर से सीधे होने वाले ट्रांजेक्शंस पर पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं. उसके बावजूद आरबीआई ने देश के सभी सरकारी, गैर सरकारी और एनबीएफसी को साफ निर्देश दे दिए हैं.
वो निर्देश ये हैं कि पाकिस्तान से इनडायरेक्ट रूप से आने वाले धन की जांच बढ़ाने को कहा है. रॉयटर्स ने आरबीआई की ओर से सभी तरह के बैंकों को लिखे एक लेटर के हवाले से कहा कि इस धन का यूज हथियार खरीदने में हो सकता है. इसी वजह से इस तरह के ट्रांजेक्शन को हाई रिस्क वाला बताया गया है. जानकारी के अनुसार पाकिस्तान से भारत में धन का डायरेक्ट फ्लो लगभग प्रतिबंधित है और प्रत्येक ट्रांजेक्शन के लिए सेंट्रल बैंक की मंजूरी जरूरी है
जांच के बाद सामने आई चौंकाने वाली बात
6 अगस्त को जारी यह निर्देश, मई में दोनों पड़ोसी देशों के बीच चार दिनों तक चले भीषण सैन्य संघर्ष के बाद भारतीय एजेंसियों द्वारा की गई जांच के बाद जारी किया गया है. इसमें हथियारों के फंडिंग के दृष्टिकोण से पाकिस्तान को “हाई रिस्क” वाला क्षेत्र बताया गया है और हथियारों के फंडिंग के संबंध में भारतीय जांच का हवाला दिया गया है, लेकिन उनके निष्कर्षों के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया.
इस मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले एक सरकारी सूत्र के हवाले से रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय जांच अधिकारियों ने पाया कि कुछ पाकिस्तानी नागरिकों ने अन्य देशों के माध्यम से भारत में धन भेजा था. मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत ना होने और पहचान उजागर न करने की शर्त पर एक सूत्र ने रॉयटर्स से कहा कि भारत के बैंकिंग चैनलों का पाकिस्तान द्वारा हथियारों के फंडिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने का “हाई रिस्क” है.
आरबीआई ने बैंकों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग, हथियारों और आतंकवाद के फंडिंग को रोकने के लिए जनरल गाइडलाइन बनाई हैं, लेकिन पाकिस्तान की ओर ध्यान आकर्षित करने वाला कोई निर्देश अभी तक सामने नहीं आया है. वैसे भारतीय रिजर्व बैंक ने रॉयटर्स के टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया. पाकिस्तान बैंक एसोसिएशन के अध्यक्ष जफर मसूद ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के “मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानून और आतंकवाद के फंडिंग से निपटने के लिए बहुत सख्त और मजबूत हैं.
आरबीआई ने उदाहरण से समझाया
बैंकों और नॉन-बैंकिंग लेंडर्स को लिखे आरबीआई के लेटर में उन उदाहरणों का भी अलग से हवाला दिया गया है जहां पाकिस्तान पर वैश्विक प्रतिबंधों और नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. इसमें उल्लेख किया गया है कि ग्लोबल मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की जून 2025 की एक रिपोर्ट में पाकिस्तान की सरकारी संस्था, नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स पर मिसाइल डेवलपमेंट के लिए वस्तुओं का बिना घोषणा किए आयात करके प्रतिबंधों से बचने का आरोप लगाया गया था. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने रॉयटर्स की टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया. लेटर में नॉर्थ कोरिया को “हाई रिस्क” वाले क्षेत्राधिकार के रूप में भी लिस्ट किया गया है, और अतीत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा उस पर लगाए गए प्रतिबंधों का हवाला दिया गया है.