
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को 48वीं सालाना बैठक में भविष्य को लेकर बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा कि देश में एआई को बढ़ावा देने और इसका लाभ हर भारतीय तक पहुंचाने के लिए गूगल और मेटा के साथ मिलकर पूरी तरह से अलग सब्सिडी ‘रिलायंस इंटेलीजेंस’ बनाई जाएगी. इसका मकसद देश में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को बढ़ावा देने के साथ रिलायंस समूह को टेलीकॉम, रिटेल और एनर्जी कारोबार के साथ-साथ एक ‘डीप-टेक एंटरप्राइज’ बनाना है.
मुकेश अंबानी ने कहा कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए गूगल और फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा के साथ साझेदारी की जाएगी. इसके लिए रिलायंस दोनों कंपनियों के साथ अलग-अलग संयुक्त उद्यम बनाएगी. गूगल के साथ मिलकर जहां क्लाउड पर काम करने की तैयारी है, वहीं मेटा के साथ साझेदारी करके देश में एआई को बढ़ावा दिया जाएगा. इसका मकसद देश के हर नागरिक तक एआइ की पहुंच आसान और सुलभ बनाना है.
गूगल के साथ क्या है तैयारी
रिलायंस ने गुजरात के जामनगर में अत्याधुनिक क्लाउड सुविधा और संबंधित नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर का डिज़ाइन, निर्माण और संचालन करने के लिए गूगल के साथ हाथ मिलाया है. इस ज्वाइंट वेंचर में गूगल क्लाउड अपने शक्तिशाली एआई हाइपरकंप्यूटर और एआई स्टैक को लगाएगा, जो जनरेटिव एआई मॉडल, डेवलपमेंट प्लेटफ़ॉर्म और एआई-संचालित एप्लिकेशन देगा. यह एआई-केंद्रित क्लाउड रीजन जियो के डिजिटल नेटवर्क को ताकत देगा, सुरक्षा बढ़ाएगा और उसके बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा. साथ ही रिलायंस रिटेल के इकोसिस्टम को बेहतर बनाने, विश्वसनीयता बढ़ाने और सुरक्षा प्रदान करने का काम भी करेगा. रिलायंस के सभी व्यवसायों को एआई का उपयोग करके प्रदर्शन सुधारने में भी यह प्रोजेक्ट मदद करेगा.
ज्वाइंट वेंचर पर क्या बोले सुंदर पिचाई
गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा ‘हम लंबे समय से भारत के डिजिटल भविष्य में निवेश कर रहे हैं, और रिलायंस और जियो के साथ हमारी साझेदारी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. पिछले एक दशक में हमारे साथ मिलकर किए गए काम ने लाखों लोगों तक किफायती इंटरनेट पहुंचाने में मदद की है. अब हम एआई के साथ अगली छलांग लगाने की तैयारी कर रहे हैं. यह तो बस एक शुरुआत है, हम मिलकर भारत के एआई भविष्य का निर्माण करने को तैयार हैं.
मेटा को भी साथ जोड़ेगी रिलायंस
मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस समूह मेटा के साथ एक समर्पित संयुक्त उद्यम बनाने जा रहा है. इसके तहत मेटा के ओपन सोर्स लामा मॉडल को आरआईएल के डिजिटल बैकबोन से जोड़ कर भारतीय उद्यमों और छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों (एसएमबी) के लिए किफायती मूल्य पर एंटरप्राइज-ग्रेड एआई दिया जाएगा. बिजनेस संस्थानों को सेल्स एंड मार्केटिंग, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलेपमेंट और संचालन, ग्राहक सेवा, वित्त, और अन्य एंटरप्राइज वर्कफ़्लोज की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करेगा. क्रॉस-फंक्शनल और उद्योग की विशिष्ट जरूरतों को ध्यान में रखकर इसे डिजाइन किया जा सकता है. सबसे महत्वपूर्ण है कि लामा की लागत काफी कम होगी. मेटा के साथ बनने वाले ‘एंटरप्राइज़ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सॉल्यूशंस में रिलायंस की हिस्सेदारी 70% और मेटा की हिस्सेदारी 30% रहेगी. दोनों कंपनियां समान अनुपात में 855 करोड़ रुपये यानी करीब 10 करोड़ डॉलर का शुरुआती निवेश करेंगी.
साझेदारी पर क्या बोले मार्क जुकरबर्ग
मेटा के फाउंडर और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा, ‘हम भारतीय डेवलपर्स और उद्यमों तक ओपन सोर्स एआई की ताकत पहुंचाने के लिए रिलायंस के साथ साझेदारी को और गहरा करने को उत्साहित हैं. इस संयुक्त उद्यम के माध्यम से, हम मेटा के लामा मॉडल्स को वास्तविक दुनिया में उपयोग में ला रहे हैं और मेटा द्वारा हम उद्यम क्षेत्र में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने की आशा कर रहे हैं.