
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने एक बार फिर से प्रवासियों पर निशाना साधा है। अमेरिका में शटडाउन के बीच अफोर्डेबल केयर एक्ट (ACL) को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है।
अमेरिका में अफोर्डेबल केयर एक्ट (ACL) या ओबामाकेयर के तहत स्वास्थ्य बीमा पर मिलने वाली टैक्स क्रेडिट सुविधा में विस्तार को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव जल्दी नहीं सुलझा तो करीब ढ़ाई लाख भारतीय अमेरिकी किफायती स्वास्थ्य सेवा से वंचित हो जाएंगे। प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार ये संख्या उन अमेरिकी भारतीयों की है जो संघ सरकार द्वारा तय गरीबी की रेखा (FPL) के तहत निम्न आय वर्ग की श्रेणी में आते हैं और अफोर्डेबल केयर एक्ट के तहत बीमा की प्रीमियम राशि को कम करने का लाभ ले रहे हैं। प्रीमियम राशि सब्सिडी विस्तार की यह योजना साल 2025 के अंत में समाप्त होने वाली है। ट्रंप प्रशासन इसको खत्म करने पर अड़ा है। वहीं विपक्षी डेमोक्रेट इस योजना को जारी रखने के पक्ष में हैं। सीनेट में सरकारी खर्चों से जुड़ा बिल इस अफोर्डेबल केयर एक्ट की वजह से ही पास नहीं हो पा रहा है और शटडाउन की स्थिति आ गई है। हालांकि ट्रंप ने बातचीत के संकेत दिए हैं।
अमेरिकी भारतीयों को योजना का लाभ
अमेरिका में कम आय वर्ग के कई ऐसे भारतीय प्रवासी हैं जो दुकानों में, खेत खलिहानों में या लोगों के घरों में छोटी मोटी नौकरियां करते हैं। ऐसे लोगों को तनख्वाह का भुगतान चेक से नहीं होता। ऐसे में इन्हें नियोक्ताओं की ओर से किसी तरह के स्वास्थ्य बीमा का लाभ नहीं मिलता। ऐसी स्थिति में इन्हें बाजार से स्वास्थ्य बीमा खरीदना पड़ता है। अमेरिका में स्वास्थ्य सेवाएं बहुत मंहगी हैं, इसलिए बीमा की प्रीमियम राशि भी ज्यादा होती है। इसे देखते हुए सरकार की ओर से ऐसे लोगों को अफोर्डेबल केयर एक्ट के तहत प्रीमियम राशि में सब्सिडी की सुविधा दी गई है।
अधिक लोगों तक सब्सिडी का विस्तार
कोविड के दौरान पहले की बाइडेन सरकार ने साल 2021 के अमेरिकन रेस्क्यू प्लान एक्ट या एआरपीए के तहत निम्न आय वर्ग के लिए प्रीमियम राशि पर मिलने वाली सब्सिडी में वृद्धि कर दी थी। अमेरिका में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की नीतियों और कार्यप्रणाली पर शोध करने वाली एक गैर सरकारी संस्था केएफएफ का कहना है कि इससे लाभार्थियों के लिए प्रीमियम राशि का भुगतान औसतन 44 फीसदी तक कम हो गया। ऐसे में और भी लोग इस योजना से जुड़ गए। केएफएफ के 2025 आंकड़ों के, अनुसार एसीए में रिकॉर्ड दो करोड़ 43 लाख लोगों ने नामांकन कराया, जिनमें से लगभग 2 करोड़ 24 लाख लोगों को यह सब्सिडी मिली। इससे पात्र व्यक्तियों के प्रीमियम में सालाना औसतन करीब 705 डॉलर की कमी आई।
योजना को लेकर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट में टकराव
राष्ट्रपति ट्रंप इस योजना को खत्म करना चाहते हैं। उनका कहना है कि इसका लाभ अवैध प्रवासियों को मिला है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। उनके समर्थक रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों का कहना है कि वैसे भी यह सुविधा कोविड को देखते हुए दी गई थी और अब इसे जारी रखने का कोई मतलब नहीं है। दूसरी ओर विपक्षी डेमोक्रेट योजना को जारी रखने के पक्ष में हैं। उनका कहना है कि अगर यह योजना बंद कर दी गई तो इससे लाखों गरीब परिवार प्रभावित होंगे। डेमोक्रेट ने इसे बंद करने के लिए ट्रंप की ओर से दिए गए इस तर्क को झूठा बताया है कि अवैध प्रवासी इसका लाभ उठा रहे हैं। डेमोक्रेटिक हाउस लीडर हकीम जेफ्रीज ने रविवार को एनबीसी के “मीट द प्रेस” कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस में “कोई भी डेमोक्रेट” बिना कानूनी दर्जे वाले प्रवासियों को स्वास्थ्य सेवा लाभ प्रदान करने की बात नहीं कह सकता क्योंकि संघीय कानून में इसपर प्रतिबंध है।
एक अनुमान के मुताबिक अगर टैक्स क्रडिट समाप्त हो जाता है, तो 12 राज्यों में सब्सिडी प्राप्त नामांकित व्यक्तियों के लिए बीमा का औसत प्रीमियम कम से कम दोगुना हो जाएगा। इसे देखते हुए खुद रिपब्लिकन सांसदों में योजना को लेकर मतभेद दिखाई दे रहे हैं। कई इस बात को समझ रहे हैं कि अगर बढ़ी हुई सब्सिडी समाप्त हो जाती है, तो रिपब्लिकन-झुकाव वाले राज्यों के मतदाताओं को भी प्रीमियम में भारी बढ़ोतरी का सामना करना पड़ेगा। एक हालिया सर्वेक्षण में यह बात सामने खुलकर आई भी है कि 59 प्रतिशत रिपब्लिकन और 57 प्रतिशत ट्रंप-समर्थक मागा क्रेडिट विस्तार की योजना को जारी रखने के पक्ष में हैं। देखना यह कि दोनों पक्ष कितनी जल्दी इस मसले को सुलझाते हैं क्योंकि शटडाउन की वजह से कई सरकारी कामकाज पूरी तरह से ठप हैं और लाखों सरकारी कर्मचारियों की नौकरी जाने का खतरा पैदा हो गया है। खुद ट्रंप सरकार यह मान रही है कि शटडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था को हर सप्ताह 15 अरब डॉलर का नुकसान झेलना पड़ सकता है।