
Investment in Gold or Stocks: इस समय सोना काफी तेजी से बढ़ रहा है। वहीं शेयर मार्केट का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। इससे नए निवेशक सोने की तरफ जा सकते हैं।
सोने की कीमत रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। बुधवार को भी इसमें तेजी आई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोना 1100 रुपये की छलांग लगाते हुए 1.21 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गया। वहीं सोने की कीमत को लेकर अब एक्सपर्ट भी चिंता जताने लगे हैं। सोने की बढ़ती कीमत के कारण निवेशक इसकी ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। वे शेयर मार्केट में लगाए हुए निवेश को निकालकर सोने में लगा रहे हैं, क्योंकि शेयर मार्केट का रिटर्न सोने के मुकाबले निराशाजनक रहा है। इसे लेकर हेज फंड मैनेजर अक्षत श्रीवास्तव ने चेतावनी दी है।
अक्षत श्रीवास्तव ने सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बारे में एक पोस्ट की है। इसमें उन्होंने लिखा है कि भारत में लोग अब शेयरों से पैसा निकालकर सोने के गहनों में लगा रहे हैं। यह एक बढ़ती हुई प्रवृत्ति है। श्रीवास्तव ने बताया कि इससे लंबे समय में नुकसान हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत का लगभग 70% सोना गहनों के रूप में रखा जाता है। उनके अनुसार, यह भारत की अर्थव्यवस्था और सरकार की वित्तीय सेहत के लिए बड़ी चुनौती है।
क्यों जताई एक्सपर्ट ने चिंता?
श्रीवास्तव ने अपनी पोस्ट में समझाया है कि गहनों के बारे में दिलचस्प बात यह है कि इन्हें ‘ट्रेड’ नहीं किया जाता है। उन्होंने लिखा है कि ज्यादातर मामलों में जब लोग अपने गहने बेचते हैं, तो वे मजबूरी में ऐसा करते हैं। यह ‘फ्लिप’ करने जैसा नहीं होता है। उन्होंने बताया कि शेयरों के उलट, गहने ऐसी संपत्ति हैं जिन्हें आसानी से बेचा या खरीदा नहीं जा सकता। यह एक ‘इलिक्विड’ संपत्ति है। इसका मतलब है कि जब गहने खरीदे या बेचे जाते हैं, तो सरकार को टैक्स नहीं मिलता। सरकार को पूंजीगत लाभ (capital gains) और प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) जैसे टैक्स का नुकसान होता है।
क्या दी चेतावनी?
श्रीवास्तव ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि जब लोग ‘फ्लिप’ नहीं करते तो सरकार उस संपत्ति पर पैसा नहीं कमाती। उन्होंने इसे एक समस्या बताया।
श्रीवास्तव ने चेतावनी दी कि सोने की कीमतों में तेज बढ़ोतरी से शेयरों से पैसा निकलकर गहनों में जा रहा है। कई भारतीय अब सोने को एक सुरक्षित निवेश मान रहे हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि पैसा ‘स्टॉक’ जैसी तरल संपत्ति से सोने के गहनों जैसी इलिक्विड संपत्ति में चला जाता है। उन्होंने आगे कहा कि इससे सरकार को नुकसान होता है।
तो लोग बदल लेंगे मूड
श्रीवास्तव ने समझाया कि जैसे-जैसे सोने की कीमतें बढ़ती जा रही हैं, बहुत सारा नया पैसा ‘स्टॉक’ से निकलकर ‘गहनों’ में जा रहा है। उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सबसे बुरी बात यह है कि पिछले 5 सालों में सोने ने NIFTY50 से बेहतर प्रदर्शन किया है। और अब लोग सोच रहे हैं कि शेयरों में पैसा लगाने का क्या फायदा?
श्रीवास्तव की चिंताएं बहुत महत्वपूर्ण हैं। खासकर इसलिए क्योंकि साल 2020 के बाद से शेयर बाजार में नए निवेशकों की संख्या बहुत बढ़ी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शेयर बाजार जल्द ही अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है, तो इनमें से कई नए निवेशक सोने की तरफ चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर भारतीय शेयर बाजार जल्द ही अच्छा प्रदर्शन करना शुरू नहीं करते हैं, तो साल 2020 के बाद शेयर बाजार की ट्रेन में चढ़ने वाले नए लोग ‘गोल्ड बग्स’ बन जाएंगे। यानी वे सोने में निवेश करने लगेंगे।