
मालदीव में एक संयुक्त बयान में पीएम मोदी ने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं मालदीव के नागरिक को बहुत बहुत बधाई देता हूं। और, गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आप सभी का धन्यवाद करता हूं। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि मालदीव के विकास और समृद्धि के लिए, भारत हर कदम पर साथ रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मालदीव यात्रा के पहले दिन भव्य स्वागत मिला। राजधानी माले के रिपब्लिक स्क्वायर में बच्चों ने नृत्य प्रस्तुत किया, 21 तोपों की सलामी दी गई और रक्षा मंत्रालय की इमारत पर मोदी की विशाल तस्वीर लगाई गई। ये सभी संकेत इस बात के हैं कि भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंधों में बड़ा बदलाव आया है।
हालांकि, यह स्थिति हमेशा ऐसी नहीं थी। जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 2023 में सत्ता में आए, तब उन्होंने “इंडिया आउट” अभियान चलाया था और चीन के साथ नजदीकियां बढ़ाई थीं। उनके कुछ मंत्रियों द्वारा भारत और मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां भी की गईं, जिससे भारत में मालदीव के बहिष्कार की लहर चल पड़ी। लक्षद्वीप जैसे भारतीय द्वीपों को बढ़ावा मिलने लगा और भारतीय सैनिकों को भी मालदीव से हटाने को कहा गया।
भारत और मालदीव राजनयिक संबंधों के 60 साल
लेकिन फिर 2024 में दोनों देशों ने सुलह की और राजनयिक संवाद फिर से शुरू हुए। इस साल भारत और मालदीव अपने राजनयिक संबंधों के 60 साल मना रहे हैं। इस मौके पर पीएम मोदी कहते हैं, “हमारे संबंधों की जड़ें इतिहास से भी पुरानी हैं और समुद्र जितनी गहरी हैं।
भारत, मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी है। प्रधानमंत्री का कहना है कि मालदीव, भारत की “पड़ोसी पहले” नीति और महासागर विजन दोनों में एक अहम स्थान रखता है। भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद मित्र होने पर गर्व है। पीएम मोदी ने मालदीव को भरोसा देते हुए कहा कि आपदा हो या महामारी, भारत हमेशा फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर साथ खड़ा रहा है।
PM मोदी ने मालदीव के लोगों को दिया भरोसा
मालदीव में एक संयुक्त बयान में पीएम मोदी ने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं मालदीव के नागरिक को बहुत बहुत बधाई देता हूं। और, गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आप सभी का धन्यवाद करता हूं। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि मालदीव के विकास और समृद्धि के लिए, भारत हर कदम पर साथ रहेगा।